Pic Wale Gadyansh Ko Padhkar Uttar Dijiye (ग) ‘इस नश्वर संसार में 'मैं' का कोई महत्त्व नहीं है।' – कथन में प्रयुक्त 'मैं' का अर्थ है - (A) अहंकार (C) एकल (B) जीवन (D) मनुष्य 1 ​

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Pic wale gadyansh ko padhkar uttar dijiye

ग) 'इस नश्वर संसार में 'मैं' का कोई महत्त्व नहीं है।' – कथन में प्रयुक्त 'मैं' का अर्थ है -

व्याख्या और विश्लेषण

इस प्रश्न के लिए, हमें कथन को ध्यान से पढ़ना होगा और 'मैं' के अर्थ को समझना होगा। कथन में कहा गया है कि 'इस नश्वर संसार में 'मैं' का कोई महत्त्व नहीं है।' यह कथन हमें सोचने पर मजबूर करता है कि 'मैं' का क्या अर्थ है और क्यों इसका कोई महत्त्व नहीं है।

विकल्पों का विश्लेषण

अब हमें विकल्पों का विश्लेषण करना होगा और देखें कि कौन सा विकल्प सही है।

(A) अहंकार

अहंकार एक ऐसी भावना है जो हमें अपने आप को सबसे अच्छा और अन्यों से ऊपर मानती है। यह कथन में प्रयुक्त 'मैं' का अर्थ नहीं हो सकता है, क्योंकि यह कथन हमें सोचने ���र मजबूर करता है कि 'मैं' का कोई महत्त्व नहीं है, न कि हमें अपने आप को सबसे अच्छा मानने के लिए।

(B) जीवन

जीवन एक ऐसी चीज़ है जो हमें पैदा करती है और हमें मरने तक जीवित रखती है। यह कथन में प्रयुक्त 'मैं' का अर्थ हो सकता है, क्योंकि यह कथन हमें सोचने पर मजबूर करता है कि 'मैं' का कोई महत्त्व नहीं है, जैसे कि जीवन का कोई महत्त्व नहीं है।

(C) एकल

एकल एक ऐसी चीज़ है जो एक ही होती है। यह कथन में प्रयुक्त 'मैं' का अर्थ नहीं हो सकता है, क्योंकि यह कथन हमें सोचने पर मजबूर करता है कि 'मैं' का कोई महत्त्व नहीं है, न कि हमें एक ही मानने के लिए।

(D) मनुष्य

मनुष्य एक ऐसी जाति है ज�� जीवित होती है। यह कथन में प्रयुक्त 'मैं' का अर्थ हो सकता है, क्योंकि यह कथन हमें सोचने पर मजबूर करता है कि 'मैं' का कोई महत्त्व नहीं है, जैसे कि मनुष्य का कोई महत्त्व नहीं है।

निष्कर्ष

इस प्रश्न के लिए, हमें कथन को ध्यान से पढ़ना होगा और 'मैं' के अर्थ को समझना होगा। हमें विकल्पों का विश्लेषण करना होगा और देखें कि कौन सा विकल्प सही है। मेरा मानना है कि विकल्प (B) जीवन सही है, क्योंकि यह कथन हमें सोचने पर मजबूर करता है कि 'मैं' का कोई महत्त्व नहीं है, जैसे कि जीवन का कोई महत्त्व नहीं है।

संदर्भ

इस प्रश्न के लिए, हमें कथन को ध्यान से पढ़ना होगा और 'मैं' के अर्थ को समझना होगा। हमें विकल्पों का विश्लेषण करना होगा और देखें कि कौन सा विकल्प सही है। यह प्रश्न हमें सोचने पर मजबूर करता है कि 'मैं' का क्या अर्थ है और क्यों इसका कोई महत्त्व नहीं है।

संबंधित प्रश्न

इस प्रश्न के लिए, हमें संबंधित प्रश्नों का विश्लेषण करना होगा और देखें कि कौन सा प्रश्न सही है। यह प्रश्न हमें सोचने पर मजबूर करता है कि 'मैं' का क्या अर्थ है और क्यों इसका कोई महत्त्व नहीं है।

निष्कर्ष

इस प्रश्न के लिए, हमें कथन को ध्यान से पढ़ना होगा और 'मैं' के अर्थ को समझना होगा। हमें विकल्पों का विश्लेषण करना होगा और देखें कि कौन सा विकल्प सही है। मेरा मानना है कि विकल्प (B) जीवन सही है, क्योंकि यह कथन हमें सोचने पर मजबूर करता है कि 'मैं' का कोई महत्त्व नहीं है, जैसे कि जीवन का कोई महत्त्व नहीं है।
Pic wale gadyansh ko padhkar uttar dijiye

ग) 'इस नश्वर संसार में 'मैं' का कोई महत्त्व नहीं है।' – कथन में प्रयुक्त 'मैं' का अर्थ है -

व्याख्या और विश्लेषण

इस प्रश्न के लिए, हमें कथन को ध्यान से पढ़ना होगा और 'मैं' के अर्थ को समझना होगा। कथन में कहा गया है कि 'इस नश्वर संसार में 'मैं' का कोई महत्त्व नहीं है।' यह कथन हमें सोचने पर मजबूर करता है कि 'मैं' का क्या अर्थ है और क्यों इसका कोई महत्त्व नहीं है।

विकल्पों का विश्लेषण

अब हमें विकल्पों का विश्लेषण करना होगा और देखें कि कौन सा विकल्प सही है।

(A) अहंकार

अहंकार एक ऐसी भावना है जो हमें अपने आप को सबसे अच्छा और अन्यों से ऊपर मानती है। यह कथन में प्रयुक्त 'मैं' का अर्थ नहीं हो सकता है, क्योंकि यह कथन हमें सोचने पर मजबूर करता है कि 'मैं' का कोई महत्त्व नहीं है, न कि हमें अपने आप को सबसे अच्छा मानने के लिए।

(B) जीवन

जीवन एक ऐसी चीज़ है जो हमें पैदा करती है और हमें मरने तक जीवित रखती है। यह कथन में प्रयुक्त 'मैं' का अर्थ हो सकता है, क्योंकि यह कथन हमें सोचने पर मजबूर करता है कि 'मैं' का कोई महत्त्व नहीं है, जैसे कि जीवन का कोई महत्त्व नहीं है।

(C) एकल

एकल एक ऐसी चीज़ है जो एक ही होती है। यह कथन में प्रयुक्त 'मैं' का अर्थ नहीं हो सकता है, क्योंकि यह कथन हमें सोचने पर मजबूर करता है कि 'मैं' का कोई महत्त्व नहीं है, न कि हमें एक ही मानने के लिए।

(D) मनुष्य

मनुष्य एक ऐसी ���ाति है जो जीवित होती है। यह कथन में प्रयुक्त 'मैं' का अर्थ हो सकता है, क्योंकि यह क���न हमें सोचने पर मजबूर करता है कि 'मैं' का कोई महत्त्व नहीं है, जैसे कि मनुष्य का कोई महत्त्व नहीं है।

निष्कर्ष

इस प्रश्न के लिए, हमें कथन को ध्यान से पढ़ना होगा और 'मैं' के अर्थ को समझना होगा। हमें विकल्पों का विश्लेषण करना होगा और देखें कि कौन सा विकल्प सही है। मेरा मानना है कि विकल्प (B) जीवन सही है, क्योंकि यह कथन हमें सोचने ���र मजबूर करता है कि 'मैं' का कोई महत्त्व नहीं है, जैसे कि जीवन का कोई महत्त्व नहीं है।

संदर्भ

इस प्रश्न के लिए, हमें कथन को ध्यान से पढ़ना होगा और 'मैं' के अर्थ को समझना होगा। हमें विकल्पों का विश्लेषण करना होगा और देखें कि कौन सा विकल्प सही है। यह प्रश्न हमें सोचने पर मजबूर करता है कि 'मैं' का क्या अर्थ है और क्यों इसका कोई महत्त्व नहीं है।

संबंधित प्रश्न

इस प्रश्न के लिए, हमें संबंधित प्रश्नों का विश्लेषण करना होगा और देखें कि कौन सा प्रश्न सही है। यह प्रश्न हमें सोचने पर मजबूर करता है कि 'मैं' का क्या अर्थ है और क्यों इसका कोई महत्त्व नहीं है।

निष्कर्ष

इस प्रश्न के लिए, हमें कथन को ध्यान से पढ़ना होगा और 'मैं' के अर्थ को समझना होगा। हमें विकल्पों का विश्लेषण करना होगा और देखें कि कौन सा विकल्प सही है। मेरा मानना है कि विकल्प (B) जीवन सही है, क्योंकि यह कथन हमे�� सोचने पर मजबूर करता है कि 'मैं' का कोई महत्त्व नहीं है, जैसे कि जीवन का कोई महत्त्व नहीं है।

Q&A

प्रश्न 1: कथन में प्रयुक्त 'मैं' का अर्थ क्या है?

उत्तर: कथन में प्रयुक्त 'मैं' का अर्थ जीवन हो सकता है, क्योंकि यह कथन हमें सोचने पर मजबूर करता है कि 'मैं' का कोई महत्त्व नहीं है, जैसे कि जीवन का कोई महत्त्व नहीं है।

प्रश्न 2: कथन में प्रयुक्त 'मैं' का क्या महत्त्व है?

उत्तर: कथन में प्रयुक्त 'मैं' का कोई महत्त्व नहीं है, क्योंकि यह कथन हमें सोचने पर मजबूर करता है कि 'मैं' का कोई महत्त्व नहीं है, जैसे कि जीवन का कोई महत्त्व नहीं है।

प्रश्न 3: कथन में प्रयुक्त 'मैं' का क्या अर्थ हो सकता है?

उत्तर: कथन में प्रयुक्त 'मैं' का अर्थ जीवन, मनुष्य, एकल, या अहंकार हो सकता है, लेकिन मेरा मानना है कि जीवन सही अर्थ है।

प्रश्न 4: कथन में प्रयुक्त 'मैं' का क्या महत्त्व है?

उत्तर: कथन में प्रयुक्त 'मैं' का कोई महत्त्व नहीं है, क्योंकि यह कथन हमें सोचने पर मजबूर करता है कि 'मैं' का कोई महत्त्व नहीं है, जैसे कि जीवन का कोई महत्त्व नहीं है।

प्रश्न 5: कथन में प्रयुक्त 'मैं' का क्या अर्थ है?

उत्तर: कथन में प्रयुक्त 'मैं' का अर्थ जीवन हो सकता है, क्योंकि यह कथन हमें सोचने पर मजबूर करता है कि 'मैं' का कोई महत्त्व नहीं है, जैसे कि जीवन का कोई महत्त्व नहीं है।